Thursday, June 13, 2024

मेरी मजबूरी


मेरे जीवन साथी,
रहना मेरे साथ ही,
तू ही हैं मेरी साजना,
मेरे साथ तुम हर पल सजना ।

दिल का यह दर्द हैं ज़रूरी,
मेरे नसीब में हैं मजबूरी,
बढ़ती हैं रोज़, हमारी ये दूरी,
फिर भी तू हमेशा रहोगी मेरी प्यारी ।

बिछड़ने के बाद भी साथ आपका नहीं छोड़ा,
लगता हैं कि यह रिश्ता खुदा ने जोड़ा,
मगर आपने क्यों मुँह मोड़ा?
और हमारे दिल क्यों ऐसे तोडा?

मुश्किल है सुनकर, आपके दिल से हम उतरना,
दिल चुराके यूँ ही छोड़ना,
यह कैसी सजा हैं, हमें ऐसा तड़पाना,
नहीं आता है हमे रोना ।

By
Sanji-Paul Arvind

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